The Y Movie Review: जागो ग्राहक जागो, सिनेमा पर भी उपभोक्ता कानून लागू करने की राह दिखाती ‘हिंदी’ फिल्म
Read Time:6 Minute, 18 Second
Views:287

The Y Movie Review: जागो ग्राहक जागो, सिनेमा पर भी उपभोक्ता कानून लागू करने की राह दिखाती ‘हिंदी’ फिल्म

0 0

बीते साल के अंत से लेकर नए साल की शुरुआत के शुक्रवार तक हिंदी सिनेमा के दर्शकों का हाल वैसा ही है। क्रिसमस पर ‘सर्कस’ और नए साल पर ‘द वाय’। साल 2023 की ये पहली रिलीज हिंदी फिल्म बताई जा रही है लेकिन किसी भी कोने से इसके हिंदी फिल्म होने का अनुमान होना मुश्किल है। कन्नड़ फिल्में बनाने वाले निर्देशक हैं। दक्षिण के ही सितारे हैं। इसके पहले कभी इस फिल्म की कहीं कोई चर्चा तक नहीं हुई। लेकिन दावा यही है कि ये फिल्म हिंदी में बनी है। अब सिनेमा ऐसा उद्योग है जिसके उत्पाद पर आईएसआई मार्का टाइप कहीं से कोई ठप्पा भी नहीं लग सकता। जो फिल्म बनाने वाले या फिर इसका प्रचार करने वाले बता दें, उसे ही सच मानना पड़ता है। साल का पहला शुक्रवार वैसे भी भगवान भरोसे ही रहता रहा है। कोई बड़ी फिल्म इस दिन आती नहीं है तो इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में तथाकथित हिंदी फिल्म ‘द वाय’ रिलीज हो रही है।

फिल्म ‘द वाय’ की शुरुआत एक जोड़े से होती है, जो शादी के बाद एक बंगले में रहने आते हैं। यहां पर अजीबोगरीब घटनाएं शुरू हो जाती है। बंगले की रखवाली कर रहे रामू काका पहले से ही आगाह कर देते हैं कि बंगले में भूत है। लेकिन युवक इस बात को मानते को तैयार नहीं, उसे लगता है कि उनकी बीवी किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित है। अपनी पत्नी के इलाज के लिए वह मानसिक रोग विशेषज्ञ की सलाह लेता है। उधर बंगले में जो भी आता है भूत के डर से भाग जाता है। युवान की जिद है कि अगर भूत है तो उसे क्यों नहीं दिखाई देता। लेकिन दीक्षा के साथ जो भी घटनाए बंगले में होती है, उसे वह व्यक्त नहीं कर पाती है क्योंकि वह बोल नहीं सकती है। उसके ना बोल पाने की भी एक कहानी है, जिसे फिल्म देखकर समझना ठीक रहेगा।

अब तक तो आपको ये समझ आ ही गया होगा कि फिल्म ‘द वाय’ एक हॉरर फिल्म है। लेकिन जिस तरह ये एक तथाकथित हिंदी फिल्म है वैसे ही इसका हॉरर फिल्म होना भी इसके निर्माताओं का ही दावा है क्योंकि फिल्म की पटकथा की बुनावट ऐसी है कि दर्शकों को तो कतई डर नहीं लगता। कहानी का नायिका क्यों डरती है, यह सिर्फ उसे ही पता है। ‘द वाय’ इस तरह अपने मूल बिंदु से ही भटकी हुई फिल्म है। दीक्षा के साथ जो भी अजीबो गरीब घटनाएं होती है, वह रात के 11 बजकर पांच मिनट पर ही होती है। लेकिन उसके साथ जो भी होता है। उसे वह व्यक्त नहीं कर पाती। मानसिक रोग विशेषज्ञ यह साबित करते हैं कि दीक्षा के साथ जो भी घटनाएं घट रही थी, वह उसका एक वहम है। कुछ हद तक लगता है कि फिल्म में अंधविश्वास को दूर करने की बात की गई है। यहीं से कहानी थोड़ा गति पकड़ती है और तभी मानसिक रोग विशेषज्ञ को आभास होने लगता है कि हो ना हो ना बंगले में कोई भूत है। दर्शकों का सारा उत्साह एक बार फिर ढप्पा हो जाता है।

फिल्म ‘द वाय’ में इसकी सिनेमैटोग्राफी और साउंड के अलावा कोई भी दूसरी बात प्रभावित नहीं करती है। कार्तिक मल्लूर की सिनेमैटोग्राफी आंखों को सुकून देती है तो वहीं एल सतीश कुमार ने फिलम् की साउंड डिजाइन में काफी मेहनत की है। एल सतीश कुमार ‘केजीएफ’ जैसी फिल्मों में साउंड डिजाइन कर चुके है। फिल्म के निर्देशक गिरिदेवा राज ने काफी निराश किया है। कहानी उन्हीं की है लिहाजा फिल्म की एक नहीं बल्कि सबसे कमजोर दो कड़ियां उन्हीं की गढ़ी हुई हैं। गिरिराज देवा कन्नड़ फिल्मों के निर्देशक है और शायद इसीलिए उन्होंने फिल्म के हीरो युवान हरिहरन को साउथ के सुपरस्टार यश के गेटअप में पेश कर दिया है।

लीड भूमिका निभा रहे युवान हरिहरन में हीरो जैसा कुछ नहीं है। जैसा कि दावा किया गया है अगर फिल्म हिंदी में ही शूट की गई है तो फिर शूटिंग के समय फिल्म ‘द वाय’ की क्रू ने संवादों के उच्चारण पर बिल्कुल मेहनत नहीं की है। दीक्षा खूबसूरत हैं लेकिन अभिनय उनके लिए अभी दूर की कौड़ी है। कमल घीमीराय, प्रिथल पावर, अभिनवा किरन, राम राव जैसे कलाकार भी बेअसर ही रहे। फिल्म का गीत संगीत भी बहुत दोयम दर्जे का है।

बेहतरीन फिल्मे और वेबसेरिस को देखने के लिए भारत का पहला वर्चुअल सिनेमा दिव्या दृष्टि प्लेयर डाउनलोड करे। और बेहतरीन फिल्म और वेबसेरिस का घर बैठे अपने परिवार के साथ आनंद उठाए । दिए हुए लिंक पर क्लिक करे

https://play.google.com/store/apps/details?id=net.digital.divyadrishtiplayer

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Trial By Fire ; 24 साल…59 मौत, ट्रेलर में दिखेगी उपहार अग्निकांड में उजड़े परिवारों की कहानी…?
Next post ओटीटी डेब्यू में आर्टिस्ट बने शाहिद कपूर, कहा- मेरी लाइफ का नया फेज, क्या लोगों को पसंद आएगा ?

Download our app

Social Link

Recent Posts