क्राइम थ्रिलर फिल्म ‘कुत्ते’ डार्क ह्यूमर से भरपूर है..!

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‘हटो कमीनो! कुत्ते आ गए हैं!”…बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर ने अपनी आने वाली फिल्म ‘कुत्ते’ का ट्रेलर इसी कैप्शन के साथ शेयर किया है। इस कैप्शन में इस्तेमाल किए गए शब्द इस बात की पुष्टि करते हैं कि फिल्म में भयंकर गाली-गलौच दी गई है। फिल्म ‘कुत्ते’ का निर्देशन आसमान भारद्वाज ने किया है, जिनका पहला परिचय ये है कि उनके पिता विशाल भारद्वाज, जिन्होंने साल 2009 में ‘कमीने’ जैसी फिल्म बनाई थी। हालांकि, उनको ‘मकबूल’, ‘हैदर’, ‘तलवार’, ‘ओकांरा’ और ‘इश्किया’ जैसी बेहतरीन फिल्मों के लिए भी जाना जाता है। इस फिल्म पर विशाल भारद्वाज की पूरी छाप नजर आ रही है। इसकी बड़ी वजह ये भी है कि इसकी पटकथा और संवाद उन्होंने ही लिखे हैं। ट्रेलर में एक से बढ़कर एक गाली से युक्त संवादों की भरमार है। इस फिल्म के जरिए बतौर डायरेक्टर डेब्यू कर रहे आसमान ने अपनी पिता की तरह निर्देशन की कमान मजबूती से संभाल रखी है।

फिल्म ‘कुत्ते’ एक क्राइम थ्रिलर होते हुई भी इसमें डार्क ह्यूमर भरपूर नजर आ रहा है। एक्शन का तड़का भी खूब लगाया गया है। लंबी चौड़ी सितारों की फौज फिल्म में अपनी अदाकारी के जरिए दिलचस्पी पैदा करने की कोशिश करती दिख रही है। सबसे ज्यादा अभिनेत्री तब्बू और अभिनेता अर्जुन कपूर प्रभावित करते हुए दिख रहे हैं। तब्बू को हालही में अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम 2’ में एक पुलिस अफसर के रोल में देखा गया था। इस सुपरहिट हिट फिल्म में उनके किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया है। यही वजह है कि उसी तरह का किरदार उनको इस फिल्म में भी दिया गया है। लेकिन एक गंभीर किरदार में भी वो अपने सेंस ऑफ ह्यूमर के जरिए अपने संवादों से लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने में कामयाब दिख रही है। अर्जुन कपूर भी अलग-अलग किरदारों में काम करके लगातार प्रयोग कर रहे हैं। इस फिल्म में उन्होंने भी एक पुलिस अफसर का किरदार निभाया है।

इस फिल्म के 2 मिनट 42 सेकंड के ट्रेलर की शुरूआत अर्जुन कपूर के डायलॉग के साथ होती है, जिसमें वो कहते हैं, ”मैं 1, 2, 3, 4, 5 गिनूंगा, हम सब अपनी गन्स फेंक देंगे” इसके बाद गिनती करते हुए वो अपनी गन फेंक देते हैं, लेकिन बाकी लोग ऐसा नहीं करते। इस दौरान बैकग्राउंड में ये कहा जाता है कि जंगल का एक ऊसूल है, या तो शिकार बनो या फिर शिकार करो। अर्जुन के किरदार के चारों तरफ गन ताने लोगों को देखकर वो कहते हैं कि शराफत का जमाना ही नहीं रहा, सब के सब कुत्ते हैं। इसके बाद फिल्म के अहम किरदारों से परिचय कराया जाता है। इसमें अर्जुन कपूर, कुमुद मिश्रा और तब्बू पुलिस के किरदार में हैं। राधिका मदान एक प्रेमिका के किरदार में हैं, जो कि अंतरंग संबंधों के लिए आतुर रहती है। उसके प्रेमी के किरदार में शार्दुल भारद्वाज हैं। नसरूद्दीन शाह एक गैंगस्टर के किरदार में हैं, जो कि गैर कानूनी तरीके से हथियारों का व्यापार करता है।

इसमें कोंकणा सेन नक्सली नेता के किरदार में हैं, तो अनुराग कश्यप भ्रष्ट राजनेता के रूप में आकर्षित करते हैं। इसके बाद फिल्म कहानी की एक झलक दिखाई गई है, जिसके केंद्र में करोड़ों का माल ले जाने वाली एक वैन है, जिसमें तीन करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। शहर के तीन गैंग जिसमें पुलिस वाले भी शामिल होते हैं, इस वैन को लूटने की योजना बनाते हैं। यहीं से समस्या की शुरूआत होती है, जो फिल्म में रोमांच पैदा करती है। किस गैंग के हाथ तीन करोड़ रुपए लगता है? इस पैसे को पाने के लिए कौन क्या करता है? इन सवालों के जवाब के लिए अगले साल 13 जनवरी तक इंतजार करना होगा। इसी दिन फिल्म रिलीज होने वाली है। फिल्म में कुछ कमियों जैसे कि कुत्ते की जगह भेड़िए दिखाकर उसकी आवाज निकाली गई है, को छोड़ दिया जाए तो संगठित अपराध, भ्रष्टाचार, राजनेताओं-अपराधियों का गठजोड़, गैंगवार और नक्सलवाद जैसे विषय इसे दिलचस्प बना रहे हैं।

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