विजय की हिंदी पट्टी में पैर जमाने की एक और कोशिश, ‘श्रीवल्ली’ के साथ सिखाए पारिवारिक मूल्य…!
कोई भी फैमिली परफेक्ट नहीं होती लेकिन फिर भी रिश्तों को निभाना जरूरी होता है क्योंकि अपनों से हारकर दुनिया […]
कोई भी फैमिली परफेक्ट नहीं होती लेकिन फिर भी रिश्तों को निभाना जरूरी होता है क्योंकि अपनों से हारकर दुनिया […]
सामंथा रूथ प्रभु अभिनीत बहुभाषी पौराणिक नाटक ‘शाकुंतलम’ के निर्माताओं ने कहा कि उन्होंने फिल्म की रिलीज को अनिश्चित काल
क्या मणिरत्नम इस फिल्म से….अन्य सितारों को प्रभावित करने में रहे विफल……? जिस तरह राजामौली और बाहुबली तेलुगु फिल्म उद्योग